जीवन के किसी मोड़ पर
मिल जाता है कोई उत्प्रेरक सा
जो एक चूजे को उन्मुक्त गगन में
उड़ने की तमन्ना दे जाता है , उस नभचर सा
बस यही ख्वाब है दिल में,
साथ रहे वह लंबे सफर में,
बनकर हमारा हमसफर,
साथ चलें, रुकें कभी कभी
और फिर अनवरत आगे बढ़ते जाएं,
दूर तक बेवजह
एक दूजे को सँवारते,
प्रकृति को निहारते,
उस सूरज की प्रचंड गर्मी को,
सुधांशु की शीतल चांदनी को,
उस नीले आकाश को,
मौसमी पलाश को,
महसूस करते जाएं और यूं ही बढ़ते जाएं
बस एक दूजे के भरोसे
चलते चलते पार करें हम,
घास के मैदान को,
फूलों के बागान को,
पेड़ों की ओट को,
बारिश की छोटी-बड़ी बूंदों की चोट को
यूं ही सहते जाए
सुख दुख को साथ लिए
हाथों में हाथ लिए
तलाश एक दूजे में अपने लक्ष्य को
एक सुखद अहसास लिए
यूं ही आगे बढ़ते जाएं
बस हम और तुम