हम तरस गए तेरे दो लफ्जों के वास्ते
महीने गुजर गए ,हम दो लोगों के वास्ते
तू जाने सब कुछ दिल की बातें
कभी रूकती नहीं वो प्यार की रातें
अब तो बता जा मन की बातें
हम तरस गए तेरे दो लफ्जों के वास्ते
तो बदल गए हम दोनों के रास्ते
यू तो तेरी यह वफा नहीं
क्या राज़ हैं दिल में कुछ पता नहीं
क्या राज़ हैं दिल में कुछ पता नहीं
कुछ तो खोलो यह दिल के रास्ते
हम तरस गए तेरे दो लफ्जो़ं के वास्ते
तुम क्यों नहीं तरसे मेरे दो लफजो़ं के वास्ते
जो हम तरस रहे तेरे उन लफ्जो़ं के वास्ते
यह जो महीने गुजर गए
हम दो लोगों के वास्ते……….
अमन.