तुझे कुछ कहने से पहले
हमेशा मैं खोया वहीं
हम दोनों की देस्ती में
अंधेरों का साया कहीं
तू न मिला तो कोइ गम न
तेऱी यादों का सहारा सही
कहना था जो अब कह चला हूँ
मिलेंगे हम दोबारा नहीं।
जाने क्या हुअा इस दिल को
क्यो मैने जाना नहीं
तेरे इस दिल की बातों को भी
तुने भी तो माना नहीं
कहानी अधुरी हमारी को
इस दुनिया ने भी तो माना नहीं
तुझे भूल जाने की केशिश में
हर बार मन को पाया वहीं
जहाँ मिलती थी दिल की गलियाँ
उन गलियों का किनारा सही
कहना था जो अब कह चला हूँ
मिलेंगे हम दोबारा नहीं।
तेरी मेरी कहानी को अब तो
उस खुदा का सहारा सही
रोज बिछ्ड़ते है तारे भी हमसे
उस बिछ्ड़न का बहाना सहीं
तेरी दर्द की महफिल में
हम होगें दोबारा नहीं
कहना था जो अब कह चला हूँ
मिलेंगे हम दोबारा नहीं
जमाने से छिपकर कहीं पे
मिलने तो अाना सही
हमारी अधुरी कहानी को
करूँगा पूरा वहीं
इस कदर बिछड़ गया मैं खुद से
कि खोया खोया रहूँ मैं कहीं
कहना था जो अब कह चला हूँ
मिलेंगे हम दोबारा नहीं
मिलेंगे दोबारा नहीं।