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सिमरन अरुण के घर गई पर अरुण से नहीं मिल पाई, उसने प्रोफेसर को फोन करके मिशन अबोर्ट करने के लिए कहा।
अब आगे:
शाम को सिमरन के पास अरुण का फोन आया।
सिमरन – हैलो।
अरुण – हैलो, तुम आज घर पर आई थी?
सिमरन – हां, पर तुम सो रहे थे तो वापस चली गई।
अरुण – कुछ काम था?
सिमरन – नहीं वैसे ही, तुम कॉलेज नहीं आए तो मैनें सोचा मिल आऊं।
अरुण – अच्छा तो कल मिलते हैं, कॉलेज में।
सिमरन – हां ओके, पर आना जरूर।
अगले दिन अरुण कॉलेज गया, पर ये क्या अमित आज भी कॉलेज नहीं आया। अरुण सीधे सिमरन के पास गया और बोला, “क्या बात थी? तुम मुझे कॉलेज आने के लिए इतना जोर देकर क्यूं कह रही थी?”
सिमरन बोली, “कुछ नहीं, मेरा अकेली का कॉलेज मेें मन नहीं लगता ना।”
अरुण बोला, “अच्छा, ये बात थी।”
इतने में अनाउंसमेंट हुई, “सभी स्टूडेंट्स जल्दी से ऑडिटोरियम में पहुंचें”
सिमरन – चलो चलते हैं।
अरुण – यहीं ठीक हैं ना, वहां प्रिंसिपल का कोई बोरिंग लैक्चर होगा।
सिमरन – क्या पता कुछ काम का ही हो, चलो भी अब, देर मत करो।
अरुण – अच्छा चलता हूं, पर सिर्फ तुम्हारे लिए।
अरुण और सिमरन दोनों ऑडिटोरियम में पहुंचे, प्रिंसिपल स्टेज पर माइक पकड़े बोल रहे थे, “आज आप सबको यहां एक बहुत जरूरी सूचना देने के लिए बुलाया गया है। आप सबको पता है हर साल नेशनल लेवल पर कुछ कॉम्पिटिशन होते हैं जिसमें हमारा कॉलेज भी पार्टिसिपेट करता है। इस बार भी हमारा कॉलेज पार्टिसिपेट करेगा। हर बार की तरह इस बार भी इसके इंचार्ज प्रोफेसर त्रिपाठी होंगे। जो भी स्टूडेंट्स पार्टिसिपेट करना चाहे वो त्रिपाठी सर को अपना नाम नोट करवा दें, त्रिपाठी सर अपने हिसाब से सेलेक्शन देख लेंगे। बाकी की जानकारी आपको त्रिपाठी सर से मिल जाएगी।”
सब स्टूडेंट्स में एक अलग ही माहौल छा गया, सब बहुत उत्सुक थे। कोई स्पोर्ट्स के लिए तो कोई एक्टिंग के लिए, किसी को लग रहा था कि वो स्टेट लेवल पर सिंगिंग करेगा। इतने में त्रिपाठी बोले, “स्टूडेंट्स! आपको एक जरूरी बात बतानी रह गई। इस बार साइंस फेयर के लिए स्टूडेंट्स को दस दिन पहले दिल्ली में पहुंचना होगा और अपने प्रोजेक्ट को वहीं तैयार करना होगा। आज 5 सितम्बर है, 22 सितम्बर को दिल्ली में कॉम्पिटिशन होने हैं। तो साइंस फेयर के लिए सेलेक्टेड स्टूडेंट्स को 12 सितम्बर को निकलना होगा। इसलिए साइंस फेयर में पार्ट लेने वाले स्टूडेंट्स अपने प्रोजेक्ट की थीम और अपना नाम नोट करवा दें। 10 सितम्बर को मैं इंटरव्यू लूंगा और 11 सितम्बर को सेलेक्टेड स्टूडेंट्स के नाम बता दिए जाएंगे। बाकी सब कॉम्पिटिशन की डिटेल्स नोटिस बोर्ड पर चिपका दी जाएगी, साइंस फेयर के स्टूडेंट्स के साथ मैं खुद जाऊंगा इसलिए मेरी अनुपस्थिति में बाकी कॉम्पटीशन के लिए प्रिंसिपल सर का निर्णय अंतिम होगा। थैंक यू, स्टूडेंट्स।”
सब स्टूडेंट्स ऑडिटोरियम से बाहर निकले। अरुण बाहर आते वक़्त सिमरन को बोला, “बहुत पकाया इन लोगों ने, इस से अच्छा अपने दोनों किसी पार्क में चलकर मस्ती से एक दूसरे के साथ बातें करते।”
सिमरन बोली, “अरुण! मुझे पता है तुम कितने इंटेलिजेंट स्टूडेंट हो। मुझे डर है कि कहीं तुम मेरी वजह से पीछे ना रह जाओ। प्लीज़ अरुण! मेरे लिए, तुम साइंस फेयर में पार्टिसिपेट करो ना।”
अरुण – अरे तुम तो बहुत ज्यादा दिल पर ले गई। एन्जॉय करो यार, ये कॉलेज लाइफ है।
सिमरन – नहीं अरुण, मेरी वजह से तुम्हारा कैरियर बर्बाद हो, ये मैं नहीं सह पाऊंगी, और फिर कुछ दिनों की ही तो बात है।
अरुण – अच्छा बाबा ठीक है, मैं पार्ट लूंगा पर इतनी जल्दी सब कैसे हो पाएगा?
सिमरन – डोंट वरी! सब कुछ हो जाएगा, पहले त्रिपाठी को अपना नाम नोट करवा दो और बोल दो थीम इंटरव्यू से पहले बता दूंगा।
अरुण – ओके, पर उस से पहले चल कर कॉफी पी लें।
सिमरन – हां ज़रूर।
अरुण – तुम बहुत अच्छी हो, मेरे बारे में कितना सोचती हो!
सिमरन – क्या तुम भी, जरा सा मौका मिला नहीं कि तारीफें शुरू।
अरुण – अब अगर तुम हो ही तारीफ के लायक, तो क्यूं ना करो।
सिमरन – तुमसे नहीं जीत सकती।
और बातें करते करते दोनों कॉफी पीने लगे। कॉफी पीने के बाद सिमरन ने अरुण को प्रोफेसर के पास भेज दिया और डॉन को फोन लगाकर बोली, “मिशन सक्सेसफुल”
“ग्रेट, ध्यान रहे, 18 सितम्बर” डॉन बोला।
“हां, अरुण 12 सितम्बर को दिल्ली में पहुंच जाएगा, तो 18 को हम अपना काम कर सकेंगे।” सिमरन बोली।
“गुड” डॉन बोला और उसने फोन रख दिया।
उधर अरुण ने प्रोफेसर को अपना नाम नोट करवा दिया और प्रोजेक्ट की थीम पेंडिंग में रख दी। फिर अरुण सिमरन के पास गया और उसको बोला, “दो दिन से अमित कहीं दिखाई नहीं दिया और ना ही वो मेरा फोन उठा रहा है, पता नहीं कहां होगा और क्या कर रहा होगा। उसको तो ये भी नहीं पता मैं अगले हफ्ते दिल्ली जा रहा हूं।”
सिमरन ने सोचा, “कहीं बेवकूफ त्रिपाठी ने इसको साफ साफ तो नहीं बोल दिया कि ये पक्का दिल्ली जा रहा है! अगर ऐसा कुछ है और इसने अमित को बता दिया तो सारा प्लान चौपट हो जाएगा।”
कहानी जारी रहेगी…
अब भी सवाल बरकरार है कि आखिर अमित कहां है? आखिर सिमरन और उसके साथी अरुण से क्या करवाना चाहते हैं? कहीं अमित के साथ कुछ अनहोनी तो नहीं हुई? जानने के लिए पढ़िए अगला पार्ट।
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